हैदराबाद के अत्तर (इत्र)

आप सब कुछ भूल सकते हैं मगर इत्र की सुगंध नहीं।

जीन-पॉल गुएरलेन

Lalit Bhatt
ललित भट्ट

हैदराबाद का अत्तर (इत्र) उद्योग 16 वीं शताब्दी से है जब कुतुब शाही राजवंश का शासन था। शासक इत्र के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते थे, और उन्होंने इत्र के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया । चंदन, गुलाब, चमेली और अन्य फूलों जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध दक्कन के पठार पर शहर ने इसे इत्र के उत्पादन के लिए एक आदर्श स्थान बना दिया जहाँ कच्चा माल बहुतायत में था।

Hyderabadi Ittar or Attar
हैदराबाद के अत्तर

एडवर्ड बालफोर, एक स्कॉटिश सर्जन ने अपने यात्रा वृत्तांतों में 1854 में हैदराबाद प्रदर्शनी में प्रदर्शित 10 अलग-अलग प्रकार के इत्र या अत्तर का उल्लेख किया है। 

हैदराबाद के इत्र फूलों से भरी सुगंध जिन्हे अनूठे मिश्रण से तैयार किया जाता है । इत्र को अनोखी खुशबू देने के लिए और उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उत्पादन के पारंपरिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है । हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध इत्र "इत्तर" है, जो कि चंदन, कस्तूरी, गुलाब, चमेली और केसर जैसे प्राकृतिक पदार्थों से बना एक पारंपरिक भारतीय इत्र है। इत्तर में एक मिट्टी की सुगंध होती है जो देश विदेश में सबको आकर्षित करती है।

इत्तर बनाने की प्रक्रिया अभी भी एक रहस्य है, और हैदराबाद में केवल कुछ ही परिवारों को इसे बनाने की विधि का ज्ञान है । इस प्रक्रिया में तांबे के बर्तन में प्राकृतिक पदार्थों को एक विशिष्ट अनुपात में मिलाया जाता है। इत्तर अपनी लंबी उम्र के लिए जाने जाते हैं और सिंथेटिक परफ्यूम के विपरीत दिनों तक चल सकते हैं। सिंथेटिक परफ्यूम अक्सर जल्दी फीके पड़ जाते हैं । लगभग 8000 किलो गुलाब से एक किलो शुद्ध गुलाब का अर्क निकलता है। इत्र बनाने के लिए अर्क को फिर बेस ऑयल में मिलाया जाता है। 

इत्तर के अलावा, हैदराबाद अपनी "गुलाबरी" या गुलाब जल के लिए भी प्रसिद्ध है। शहर के इत्रकार पानी में गुलाब की ताजी पंखुड़ियों को मिलाकर गुलाबरी बनाते हैं। इस मिश्रण से गुलाब के तेल को विशेष पद्धति से अलग किया जाता है । गुलाब के तेल का उपयोग इत्र बनाने के लिए किया जाता है, जबकि गुलाब जल का उपयोग प्राकृतिक स्किन टोनर के रूप में किया जाता है।

हैदराबाद के इत्र सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं। शहर के इत्र संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और मध्य पूर्व जैसे देशों को निर्यात किए जाते हैं। इत्र विशेष रूप से भारतीय मूल के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, जो उन्हें अपनी जड़ों से जोड़े रखती है।

हैदराबाद के इत्र शहर की समृद्ध इतिहास और संस्कृति का प्रमाण हैं। शहर के इत्रकारों ने पारंपरिक तकनीकों और प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके सुगंध बनाने की कला में महारत हासिल की है। हैदराबाद के इत्र न केवल एक खुशी देते हैं, बल्कि उनके चिकित्सीय गुण भी हैं। अगर आप हैदराबाद में हैं तो हैदराबाद के इत्र की सुंगध का जरूर आनंद उठायें।

लोकप्रियता के बावजूद, इत्र बनाने की यह पारम्परिक कला मृतप्राय है क्योंकि इसे पश्चिम केपैकेज्ड डिओडोरेंट्स और परफ्यूम इनकी जगह ले रहे हैं। 

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