ब हम मिर्च की बात करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में यही आता है कि यह कितनी तीखी होती है? मिर्च के तीखेपन को स्कोविल हीट यूनिट (SHU) द्वारा मापा जाता है। स्कोविल हीट यूनिट (SHU) खाद्य पदार्थों के हीट लेवलर या तीखेपन को मापते हैं
श्रीनगर झीलों और जलमार्गों, बगीचों और हाउसबोटों, पहाड़ों और घास के मैदानों के साथ, पृथ्वी पर स्वर्ग है। यह पूर्व का वेनिस है।
जवाहर लाल नेहरू
जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर, इतिहास, संस्कृति और परंपराओं वाला शहर है। यह शहर सदियों से शिल्प और लोक कलाओं का केंद्र रहा है। इस के लिए इसे यूनेस्को रचनात्मक शहर (UNESCO creative cities network) में शामिल किया गया है, जो जयपुर के बाद इस श्रेणी में भारत का दूसरा शहर है।
श्रीनगर में शिल्प और लोक कलाओं का एक लम्बा इतिहास है। इस कौशल को पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित किया जाता रहा है। श्रीनगर के सबसे लोकप्रिय शिल्पों में से एक कागज़ की लुगदी का प्रयोग है, इसमें कागज़ के पल्प का उपयोग करके सजावटी वस्तुओं को बनाया जाता है । श्रीनगर के कारीगर फूलदान, कटोरे और मूर्तियों जैसे कला की सुन्दर वस्तु बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों और अनूठे डिज़ाइन का उपयोग करते हैं। ये सुन्दर डिजाइन और जीवंत रंगों का उपयोग श्रीनगर में कागज़ के काम को सबसे लोकप्रिय शिल्पों में से एक बनाता है।
श्रीनगर में एक और लोकप्रिय शिल्प लकड़ी की नक्काशी है। श्रीनगर के वुडकार्वर्स फर्नीचर, दरवाजों और सजावटी वस्तुओं को बनाने के लिए अखरोट, देवदार और चिनार जैसी कई प्रकार की लकड़ियों का उपयोग करते हैं। सुन्दर डिजाइन और महीन काम श्रीनगर की लकड़ी की नक्काशी को अत्यधिक बेशकीमती बनाता है।
कढ़ाई एक अन्य शिल्प है श्रीनगर में काफी लोकप्रिय है। श्रीनगर की कढ़ाई अपने नाजुक और महीन डिजाइनों के लिए जानी जाती है। श्रीनगर के कारीगर शॉल, साड़ी और चादरें जैसे विभिन्न प्रकार के कपड़ों पर सुंदर पैटर्न और डिजाइन बनाने के लिए क्रूवेल और चेन स्टिच जैसी कई तकनीकों का उपयोग करते हैं।
श्रीनगर कालीन के लिए भी प्रसिद्ध है। श्रीनगर के कालीनों को पारंपरिक तकनीकों और डिजाइनों का उपयोग करके बनाया गया है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं। कालीन अपने अनूठे डिजाइन और उच्च गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं, और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात किए जाते हैं।
लोक कलाएं श्रीनगर की सांस्कृतिक विरासत का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। सबसे लोकप्रिय लोक कलाओं में से एक कश्मीरी संगीत है, जिसकी एक अलग आवाज़ और शैली है। सूफी संगीत का एक रूप सूफियाना कलाम भी श्रीनगर में लोकप्रिय है। यह शहर अपने पारंपरिक नृत्य रूपों, जैसे रूफ, हाफिजा और बच्चा नगमा के लिए भी जाना जाता है।
श्रीनगर का यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ((UNESCO creative cities network) की सूचि में शामिल करना इस शहर की कला का मान है।
ब हम मिर्च की बात करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में यही आता है कि यह कितनी तीखी होती है? मिर्च के तीखेपन को स्कोविल हीट यूनिट (SHU) द्वारा मापा जाता है। स्कोविल हीट यूनिट (SHU) खाद्य पदार्थों के हीट लेवलर या तीखेपन को मापते हैं
जयपुर मसाला मेला में विभिन्न प्रकार के मसालों और मसालों के मिश्रण का प्रदर्शन किया जाता है जो भारतीय व्यंजनों के अभिन्न अंग हैं। जीरा और धनिया की गर्माहट से लेकर लाल मिर्च पाउडर का तीखापन, हल्दी, लौंग, इलायची, और अनगिनत अन्य मसलों की सुगंध । यह मेला इन मसालों की उत्पत्ति, उपयोग और सांस्कृतिक महत्व के बारे में भी लोगों को शिक्षित करता है ।
पोखरण मिट्टी के बर्तनों का इतिहास लगभग 2500 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू मन जाता है, जब मिट्टी के बर्तन बनाने की कला प्रचलित हो चुकी थी। एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में, पोखरण के मिट्टी के बर्तनों ने अपने असाधारण डिजाइन, कारीगरी और कलात्मक अपील के लिए हमेशा ध्यान आकर्षित किया है ।