भौगोलिक संकेत (GI) टैग

पारंपरिक और क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करने के लिए भौगोलिक संकेत एक महत्वपूर्ण साधन हैं।

वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी आर्गेनाइजेशन (WIPO)

Lalit Bhatt
ललित भट्ट

भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग उपभोक्ताओं के लिए पारम्परिक और किसी जगह की विशेष चीजों की पहचान करने और खरीदने के लिए एक उत्तम तरीका है । जीआई टैग एक सर्टिफिकेशन है कि एक उत्पाद में एक विशिष्ट गुणवत्ता, या अन्य कोई विशेषता होती है जो उस क्षेत्र से जुड़ी हुई है जहां इसका उत्पादन होता है । इस ब्लॉग में, हम जीआई टैग क्या है, उसके लाभ और ये कैसे काम करते हैं, इस विषय पर चर्चा करेंगे।

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भौगोलिक संकेत टैग क्या है ?

भौगोलिक संकेत टैग एक सर्टिफिकेशन है कि उत्पाद में एक विशिष्ट गुणवत्ता या अन्य विशेषता है जो किसी भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है जहां से यह उत्पन्न होता है। टैग बौद्धिक संपदा (intellectual property) को चिन्हित करता है और उसकी रक्षा में मदद करता है ।

जीआई टैग प्राप्त करने के लिए, एक उत्पाद को कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है, जैसे की उस वस्तु का निर्माण एक विशिष्ट उत्पादन प्रक्रिया से होना चाहिए या फिर वह किसी जगह की विशेषता होनी चाहिए जैसे की देवगढ़ के आम। एक बार जब किसी उत्पाद को जीआई टैग मिल जाता है तो उसकी ब्रांडिंग भी हो जाती है। जीआ का प्रयोग उस वस्तु के प्रचार प्रसार में काफी मददगार साबित होता है।

जीआई टैग के लाभ

जीआई टैग उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद होता है । उत्पादकों के लिए, जीआई टैग उनके उत्पाद की मार्केटिंग में मदद करता है। इससे जालसाज़ी को भी रोकने में एक हद तक मदद मिलती है। उस वस्तु के प्रचार प्रसार से उसकी बिक्री बढ़ती है, जिस से उस जगह का नाम होता है और उस जगह की अर्थवयस्था को बढ़ावा मिलता है।

उपभोक्ताओं के लिए, जीआई टैग वस्तु की गुणवत्ता और प्रामाणिकता का आश्वासन प्रदान करता है । उपभोक्ताओं को विश्वास मिलता है कि वे एक ऐसा उत्पाद खरीद रहे हैं जो पारंपरिक तरीकों का उपयोग करकेबनाया गया है और यह उत्पाद जिस जगह की विशेषता है उधर से ही आया है । टैग उपभोक्ताओं को उनकी खरीद को लेकर उन्हें विश्वास देता है और स्थानीय समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देता है।

जीआई टैग कैसे काम करता है?

जीआई टैग प्राप्त करने के लिए, एक निर्माता को सर्टिफिकेशन एजेंसी के पास आवेदन करना होता है जिसे सरकार द्वारा जीआई टैग जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। एजेंसी यह सुनिश्चित करने के लिए उत्पाद का मूल्यांकन करती है कि यह जीआई टैग के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करता है, जैसे किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित किया जाना या एक अद्वितीय उत्पादन प्रक्रिया होना। यदि उत्पाद मानदंडों को पूरा करता है, तो एजेंसी एक जीआई टैग जारी करेगी जिसका उपयोग निर्माता अपने उत्पाद के प्रचार और प्रसार लिए कर सकते हैं।

कई जगहों पर जीआई टैग उत्पाद से ही जुड़ा होता है, जैसे वाइन। अन्य मामलों में, टैग एक लेबल या लोगो होता है जिसका उपयोग उत्पाद और उसके मूल की पहचान करने के लिए किया जाता है।

जीआई टैग कैसे प्राप्त करें?

विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश जीआई टैग की महत्वता को समझ रहे हैं। वह इस टैग के महत्व को बौद्धिक संपदा (intellectual property) की सुरक्षा और प्रचार प्रसार के एक उपयुक्त माध्यम के तौर पर देख रहे हैं । भारत में, जीआई टैग को भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 के अनुसार जारी किया जाता है। किसी उत्पाद के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त करने के लिए, निर्माता या उत्पादकों के समूह जो इसके लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें कुछ नियमों का पालन करने की आवश्यकता होती है। टैग भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत जारी किया जाता है।

  1. पहला कदम उस उत्पाद की पहचान करना है जिसके लिए जीआई टैग लगाया जाना है। उत्पाद में कोई विशेष गुणवत्ता होनी चाहिए जो उस क्षेत्र से जुड़ी हो जहां से यह उत्पन्न होता है।

  2. उत्पाद के उत्पादकों को एक समूह बनाना होता है जो उत्पाद और उसके मूल का प्रतिनिधित्व कर सकते हों । समूह का प्रासंगिक अधिनियम या कानून के अंतर्गत पंजीकरण होना चाहिए ।

  3. जीआई टैग के लिए आवेदन करें - समूह भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री कार्यालय में एक आवेदन जमा करके जीआई टैग के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन में निम्नलिखित जानकारी शामिल होनी चाहिए:

    • उत्पाद का नाम , विस्तृत विवरण, उत्पत्ति का स्थान और उत्पाद के विशेष गुण।
    • उत्पादकों या उनका प्रतिनिधित्व करने वाले संघ का विवरण
    • प्रमाण की उत्पाद में विशेष गुण हैं या अन्य विशेषता है जो उस क्षेत्र से जुड़ी हुई है जहां से इसकी उत्पत्ति हुई है
  1. आवेदन की जांच - भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री कार्यालय द्वारा आवेदन की जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह जीआई टैग के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करता है। यदि आवेदन क्रम में पाया जाता है, तो भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री कार्यालय आवेदन को भौगोलिक संकेत जर्नल में प्रकाशित करेगा।

  2. आपत्तियां: यदि निर्दिष्ट अवधि के भीतर आवेदन पर कोई आपत्ति नहीं होती है, तो जीआई टैग प्रदान किया जाता है। हालाँकि, यदि कोई आपत्ति है, तो मामला बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड (intellectual property appellate tribunal) को भेजा जाता है।

  3. जीआई टैग का पंजीकरण: एक बार जीआई टैग दिए जाने के बाद, उत्पाद को भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत पंजीकृत किया जाता है। पंजीकरण उत्पाद और उसके मूल को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।

भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग विशिष्ट क्षेत्रों के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं। वे उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करते हैं, जिसमें उत्पाद की बौद्धिक सम्पदा की रक्षा करना, जालसाजी को रोकना और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना शामिल है। किसी उत्पाद को एक विशिष्ट क्षेत्र से जोड़कर, जीआई टैग एक अद्वितीय विक्रय बिंदु बनाते हैं जिसका उपयोग उत्पाद को बाजार में लाने और बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। जैसे-जैसे उपभोक्ता स्थानीय समुदायों का समर्थन करने और उच्च-गुणवत्ता, प्रामाणिक उत्पाद खरीदने में दिलचस्पी लेने लगे हैं, वैसे-वैसे जीआई टैग का उपयोग और भी व्यापक होने की संभावना है।

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