तमिलनाडु में स्थित, डिंडीगुल शहर 19वीं सदी की शुरुआत से ताला बनाने का केंद्र रहा है। डिंडीगुल तालों की उत्पत्ति राजा मुथुरामलिंग थेवर के शासनकाल में हुई, जिन्होंने इस अद्वितीय शिल्प की क्षमता को पहचाना और स्थानीय ताला बनाने वालों को अपने कौशल को सुधारने के लिए प्रोत्साहित किया।